पाठ योजना- 22

1.विद्यालय-6.दीन-
2.कक्षा-9         7.दिनांक-
3.विषय- विज्ञान8.दर्ज उपस्थिति-
4.उपविषय- भौतिक विज्ञान9.कालांश- 
5.प्रकरण- जल प्रदूषण10.अवधि- 40 मिनट

प्रकरण- जल प्रदूषण

सामान्य उद्देश्य-

1.छात्रों को भौतिक  विज्ञान विषय के तत्वों का ज्ञान कराना तथा उनका व्यावहारिक उपयोग सिखाना। 

2.छात्र में आत्मविश्वास उत्पन्न करना

3.छात्रों में तर्क शक्ति विचार शक्ति व कल्पना शक्ति मानसिक शक्तियों का विकास करना। 

3.छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना। 

4.छात्रों में भौतिक विज्ञान विषय के प्रति रुचि उत्पन्न करना तथा छात्रों में एकाग्रता आत्मनिर्भरता का भाव उत्पन्न करना। 

5.छात्रों में करम विधता पूर्ण एवं विधिवत रूप से कार्य करने की आदत का निर्माण करना। 

विशिष्ट उद्देश्य-

ज्ञानात्मक –

1) छात्र प्रदूषण के बारे में जान सकेंगे।

अवबोधात्मक – 

1) छात्र जल प्रदूषण के कर्म से अवगत हो सकेंगे।

अनुप्रयोगात्मक –

1) छात्र जल प्रदूषण से होने वाले रोगों को भी जान सकेंगे।

कौशलात्मक –

1) छात्र जल प्रदूषण से संबंधित चार्ट बना सकेंगे।

अभीरुचिआत्मक –

1) विद्यार्थी जल प्रदूषण के विषय में रुचि ले सकेंगे।

अभिवृत्ति–

1) विद्यार्थियों में जल प्रदूषण के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न होगा वह मानसिक शक्ति का विकास होगा।

सहायक सामग्री- चौक,डस्टर,ब्लैक बोर्ड, अन्य कक्षा उपयोगी शिक्षण सामग्री। 

पूर्व ज्ञान-  छात्र “जल प्रदूषण” के बारे में सामान्य जानकारी रखते है।

प्रस्तावना प्रश्न

क्र.छात्र अध्यापक कथनछात्र-छात्रा क्रियाए 
1.प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के कुछ कारण बताओ?प्रदूषण,पेड़ काटना आदि
2.मुख्य प्रदूषण के कुछ प्रकार बताओ?वायु,जल तथा ध्वनि,प्रदूषण आदि। 
3.जल प्रदूषण के बारे में विस्तार से बताइए?समस्यातमक प्रश्न

उद्देश्य कथन – विद्यार्थियों आज आप और हम मिलकर “जल प्रदूषण” के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे।

प्रस्तुतीकरण

क्र.शिक्षण बिंदुछात्रा अध्यापिका कथनछात्र–छात्रा क्रियाश्यामपट्ट कार्य
1.जल प्रदूषण तथा स्रोत एवं उसके प्रभावजेल में होने वाले प्रदूषण को जल प्रदूषण कहते हैं। मुख्य स्रोत– घरेलू साबुन, वाहित मल, औद्योगिक अपशिष्ट खेतों से बहकर आने वाले व्यर्थ पदार्थ इत्यादि।छात्र-छात्रा ध्यान पूर्वक सुनेंगेजल प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत
प्रभाव– जल में वाहित मल मिल जाने के कारण कई प्रकार के रोग उत्पन्न करने वाले जीव पैदा हो जाते हैं जिसमें कहीं रोग उत्पन्न होते हैं टाइफाइड, पीलिया, पेचिस आदि इसी के कुछ प्रकार है।छात्र-छात्रा ध्यान पूर्वक सुनेंगेजल प्रदूषण के प्रभाव
विकासात्मक प्रश्न–
1. जेल में होने वाले प्रदूषण को क्या कहते हैं?जल प्रदूषण 
2. जल प्रदूषण से होने वाले दो रोग बताइए?पीलिया,पेचिस
2.जल प्रदूषण नियंत्रण के उपाय1. हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को जल में ना मिलाए।2. जलाशय में गंदगी करने,नहाने, कपड़े धोने आदि को रोका जाना चाहिए।3. कृषि कार्यों में रासायनिक उर्वरको आदि का प्रयोग कम करना चाहिए।4. नदी तालाबों में पशुओं को नहलाने तथा वाहन धोने से मना करना चाहिए।छात्र-छात्रा ध्यान पूर्वक सुनेंगे
विकासात्मक प्रश्न–
1. जल में कारखाने के अपशिष्ट मिलने से क्या होता है?जल प्रदूषण होता है।
2. पशुओं को नदी में नहलाना चाहिए या नहीं?नहीं।
श्यामपट्ट कार्य–
जल प्रदूषण– जल में होने वाला प्रदूषण
मुख्य स्त्रोत– घरेलू साबुन, वहीत मल, औद्योगिक अपशिष्ट, खेतों से बहकर आने वाला व्यर्थ पदार्थ, जलाशय में पशु नहलाना, वाहन धोना, इत्यादि।
कुछ प्रमुख रोग– टाइफाइड, पीलिया, पेचिश इत्यादि।

मूल्यांकन प्रश्न –

1. जल प्रदूषण के मुख्य स्रोतों के नाम बताइए?

2. किसी प्रदूषित नदी का नाम बताइए? 

3. जल प्रदूषण नियंत्रण के उपाय बताइए? 

गृह कार्य – 

1. जल प्रदूषण के कुछ प्रमुख प्रभाव बताइए? 

2. जल प्रदूषण के कारण बताइए?

Leave a Comment